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प्राचीन गरुड मंदिर, गरारू

श्रेणी ऐतिहासिक

नरसिंहपुर जिले में घाट पिपरिया के पास नर्मदा नदी के तट पर गरारू नामक गाँव बस है । यह गाँव नरसिंहपुर से लगभग 18 किमी की दूरी पर स्थित है । इस गाँव में तीन मंदिर निर्मित हैं । इनमें से गरुड नामक मंदिर एक ऊंचे टीले पर स्थित है । यह मंदिर पूर्वमुखी है। संभवत: इस मंदिर में गरुड प्रतिमा अथवा गरुडासीन विष्णु की प्रतिमा स्थापित रही होगी जिसके कारण इस ग्राम का नाम गरुड़पुरी या जो वर्तमान में प्रारंभ होकर गरारू नाम से जाना जाता है ।
पूर्वमुखी यह मंदिर पचायतन शैली से निर्मित है । वर्तमान में मंदिर के गर्भगृह में कोई प्रतिमा स्थापित नहीं है किन्तु गर्भगृह के बाहर एक कोने में शिवलिंग स्थापित है। मंदिर के चारों ओर प्रदक्षिणा पथ बना है । मंदिर में जाने के लिए सौपान बने हैं । मंदिर के मुख्य गर्भगृह एवं चारों कोनों पर निर्मित गर्भग्रहों के शिखर गुंबदाकार हैं । मंदिर के स्थापत्य इंडोइस्लामिक शैली का है । इस मंदिर का निर्माण लगभग 17वी सदी में यहाँ के गौड़ राजा बलवंत सिंह के राजत्व काल में किया गया है । प्राचीन गरुड मंदिर पुरतत्वीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है अत: इस मंदिर को संरक्षित किया जाना प्रस्तावित है।

 

फोटो गैलरी

  • Garud Dev Temple Gararu
  • Garud Dev Temple Gararu

कैसे पहुंचें:

वायु मार्ग

निकटतम हवाई अड्डा जबलपुर एयरपोर्ट (IATA: JLR, ICAO: VAJB) है, जिसे डुमना एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है। नरसिंहपुर से इसकी दूरी लगभग 120 KM है।

ट्रेन द्वारा

नरसिंहपुर रेलवे स्टेशन पश्चिमी मध्य रेलवे क्षेत्र में है। इसका रेलवे कोड NU है। इटारसी जंक्शन (डाउन दिशा ) से 190 KM और जबलपुर जंक्शन (अप दिशा ) से 120 KM दूर है।

सड़क मार्ग

प्राचीन गरुड मंदिर नरसिंहपुर से लगभग 18 किमी की दूरी पर स्थित है।